थैला धारी इंदौरी ऋषिका श्रीमाली ने जुट पर लिखी भारत

 थैला धारी इंदौरी ऋषिका श्रीमाली ने जुट पर लिखी भारत

इंदौर (सैयद रिजवान अली)



इंदौर की 21 वर्षीय ऋषिका श्रीमाली – पढ़ाई के साथ शुरू किया सफल व्यवसाय, 700+ ग्राहकों तक पहुंचाया पर्यावरण-अनुकूल संदेश


इंदौर, मध्यप्रदेश।

जहां आज का युवा केवल नौकरी की तलाश में लगा रहता है, वहीं इंदौर की **ऋषिका श्रीमाली** ने मात्र 21 वर्ष की उम्र में पढ़ाई के साथ-साथ सफलतापूर्वक अपना बिजनेस खड़ा कर एक नई मिसाल कायम की है। बीते **दो वर्षों से** ऋषिका न केवल स्वयं आत्मनिर्भर बनी हैं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक प्रभावी कदम उठा रही हैं।


ऋषिका का व्यवसाय मुख्य रूप से **जूट के बैग्स** पर केंद्रित है, जो प्लास्टिक का पर्यावरण पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव को कम करने में सहायक हैं। उनके बनाए हुए बैग्स न केवल स्टाइलिश हैं बल्कि पूरी तरह से **इको-फ्रेंडली** भी हैं। ऋषिका का यह प्रयास इंदौर को "प्लास्टिक मुक्त शहर" बनाने की दिशा में सराहनीय योगदान माना जा रहा है।


इतना ही नहीं, ऋषिका **रेजिन से बनी हुई क्राफ्ट आइटम्स**, **गिफ्ट हैंपर**, और **फेस्टिवल स्पेशल प्रोडक्ट्स** भी बनाती हैं जो ग्राहकों में काफी लोकप्रिय हैं। उनके बनाए गिफ्ट हैंपर रक्षाबंधन, जन्मदिन, फेयरवेल और विशेष अवसरों के लिए उच्च गुणवत्ता और खूबसूरती का प्रतीक बन चुके हैं।


उनकी मेहनत का नतीजा है कि आज उनके पास **700 से भी अधिक ग्राहक हैं**, जिनमें भारत ही नहीं बल्कि **विदेशों से भी ऑर्डर** शामिल हैं। वह कई **बल्क ऑर्डर** भी सफलतापूर्वक पूरा कर चुकी हैं।


ऋषिका बताती हैं,


> *"मैं चाहती हूं कि हर कोई प्लास्टिक की जगह जूट और दूसरे पर्यावरण-अनुकूल विकल्पों को अपनाए। मेरा सपना है कि हमारा इंदौर स्वच्छ और प्लास्टिक-मुक्त बने।"*


उनकी दिन-रात की मेहनत, दूरदृष्टि और समर्पण ने यह सिद्ध कर दिया है कि **अगर हौसले बुलंद हों, तो उम्र कभी बाधा नहीं बनती।** ऋषिका श्रीमाली आज युवाओं के लिए एक प्रेरणास्त्रोत बन चुकी हैं, विशेष रूप से उन लड़कियों के लिए जो पढ़ाई के साथ अपने सपनों को भी साकार करना चाहती हैं।


🔹 उन्होंने हाल ही में *श्री कलचर इंडियन फैशन शो * में अपने ब्रांड के माध्यम से बतौर * बेग स्पॉन्सर** भाग लिया, जो उनके लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि रही।


उनके ब्रांड की टैगलाइन नाउ बी केम झूलाधारी इंदौरी केवल एक यूनिक ब्रांड आइडेंटिटी दर्शाती है, बल्कि इंदौर शहर की संस्कृति से भी गहराई से जुड़ाव को दर्शाती है।



📸 *ऋषिका श्रीमाली - संस्थापक, थैला वाला*


**ऋषिका की कहानी हमें यह सिखाती है कि उम्र या संसाधन कभी भी सफलता की राह में रुकावट नहीं बनते — अगर जुनून, मेहनत और एक सही उद्देश्य हो तो हर सपना हकीकत बन सकता है। हमारी दुआएं हैं देश दुनिया में नाम रोशन कर हस्तकला जगत में चांद तारों की बुलंदी को छु हु और जो उन का सपना है इंदौर प्लास्टिक मुक्त उसमें सफलता मिले ।**

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