पत्रकारों/संवाददाताओं के लिए आवश्यक योग्यताएं निर्धारित करने की आवश्यकता अनिवार्य है: भारतीय प्रेस परिषद
प्रेस क्लब ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स की मेहनत लाई रंग
डॉक्टर सैयद खालिद कैस
संस्थापक अध्यक्ष
प्रेस क्लब ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स पंजीकृत
यह देश की विडंबना है कि देश में चपरासी तक की नियुक्ति के लिए न्यूनतम योग्यता निर्धारित है लेकिन पत्रकारिता की न्यूनतम योग्यता का आज तक निर्धारण नहीं है। यही कारण है आजादी के बाद से आज दिनांक तक केंद्र सरकार सहित किसी भी प्रादेशिक सरकार ने और न ही किसी निकाय ने अपने प्रबंध में पत्रकारिता में योग्यता संबंधी किसी भी प्रावधान को निर्धारित नहीं किया । पत्रकारिता की न्यूनतम योग्यता के मापदंड के अभाव में पत्रकारिता का स्तर निरंतर गिरता जा रहा है।
वैसे तो देश के हर नागरिक को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (अ) के तहत अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार प्राप्त है, जिसे नागरिकों के मूल अधिकारों में भी शामिल किया गया। समाज के अन्य वर्गों के मुकाबले इस अधिकार को रक्षा कवच के रूप में पत्रकार बिरादरी अत्यधिक उपयोग करती है। लेकिन संवैधानिक अधिकार की श्रेणी में होने के कारण पत्रकारिता के लिए आजादी के पूर्व से लेकर आज दिनांक तक किसी न्यूनतम योग्यता को निर्धारित नहीं किया गया। जिसका परिणाम यह हो रहा है देश भर ऐसे लाखों लोग पत्रकारिता कर रहे हैं जिनकी शिक्षा दीक्षा, पत्रकारिता की न्यूनतम योग्यता के मापदंड निर्धारित नहीं देखा जा रहा है। जिसके कारण पत्रकारिता की स्थिति चिंताजनक होती जा रही है। ऐसा नहीं है कि पत्रकारिता की न्यूनतम योग्यता के मापदंड की आवश्यकता नहीं है और इस स्थिति से शासन तंत्र अनभिज्ञ हो। इसी बात की चिंता करते हुए भारतीय प्रेस परिषद के भूतपूर्व अध्यक्ष माननीय जस्टिस मार्कडेय काटजू ने अपने कार्यकाल में पत्रकारिता की न्यूनतम योग्यता तय करने के लिये एक समिति गठित की थी। लेकिन एक लंबे अंतराल बाद भी उक्त समिति या उसका अस्तित्व या उसकी कोई अनुशंसा नजर नहीं तब पत्रकार सुरक्षा और कल्याण के लिए प्रतिबद्ध अखिल भारतीय संगठन प्रेस क्लब ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स ने सूचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत आवेदन पत्र प्रस्तुत भारतीय प्रेस परिषद से यह जानना चाहा कि पूर्व अध्यक्ष भारतीय प्रेस परिषद द्वारा बनाई गई उक्त समिति का क्या हुआ।
गौरतलब हो कि प्रेस क्लब ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स द्वारा भारतीय प्रेस परिषद को सूचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत भेजे गए आवेदन पत्र का जवाब देते हुए संबंधित लोक सूचना अधिकारी दिव्या सिंहा जन सूचना अधिकार/अनुभाग अधिकारी (विधि)भारतीय प्रेस परिषद ने बताया कि अनुभाग के पास आवेदक द्वारा अनुरोधित, माननीय न्यायमूर्ति श्री मार्कण्डेय काटजू की पूर्व अध्यक्षता वाले समिति की विशिष्ट रिपोर्ट या स्थिति का कोई रिकॉर्ड नहीं है। हालांकि, पत्रकारों/संवाददाताओं के लिए आवश्यक योग्यताओं के संबंध में, भारत के प्रेस परिषद ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के समक्ष जनहित याचिका संख्या 1758/2021 (वेद प्रकाश मिश्रा बनाम भारत सरकार और अन्य) दिनांक 13.08.2021 के जवाब में, अपनी बैठक दिनांक 26.10.2021 में पत्रकारों/संवाददाताओं के लिए आवश्यक योग्यताएं निर्धारित करने की आवश्यकता की जांच के लिए एक उप समिति का गठन किया उप-समिति की रिपोर्ट को परिषद ने अपनी बैठक दिनांक 27.09.2024 में स्वीकार कर लिया है।
प्रेस क्लब ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स पंजीकृत की पहल का नतीजा है कि पत्रकारिता की न्यूनतम योग्यता के मापदंड निर्धारित करने के लिए भारतीय प्रेस परिषद द्वारा बनाई गई उप समिति की रिपोर्ट के अनुसार पत्रकारों/संवाददाताओं के लिए आवश्यक योग्यताएं निर्धारित करने की आवश्यकता अनिवार्य है।
