अंतराष्ट्रीय प्रेस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रेस क्लब ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स द्वारा आयोजित ऑनलाइन विचार गोष्ठी सम्पन्न

 वर्तमान संदर्भ में जिस प्रकार पत्रकारिता पर आघात हो रहे हैं वह चिंतनीय है


अंतराष्ट्रीय प्रेस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रेस क्लब ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स द्वारा आयोजित ऑनलाइन विचार गोष्ठी सम्पन्न



मुंबई। अंतराष्ट्रीय प्रेस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रेस क्लब ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स द्वारा आयोजित ऑनलाइन विचार गोष्ठी में देश भर के पत्रकारों ने अपने विचार व्यक्त किए।

प्रेस क्लब ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर सैय्यद खालिद कैस एडवोकेट की अध्यक्षता में "वर्तमान संदर्भ में निष्पक्ष पत्रकारिता कितनी सुरक्षित" विषय पर आधारित इस विचार गोष्ठी में रियाज खान राजस्थान, शाश्वती दास कोलकाता,डॉक्टर प्रीति प्रसाद छग, मीर मोहम्मद अली हैदराबाद, मोहम्मद शिराज करीमनगर, बाबूलाल नागा जयपुर, भारती माखीजानी गुजरात,शरद मिश्र इंदौर,रेखा सोलंकी दिल्ली, पुष्पा सिंह चंदेरिया भोपाल,सुनील योगी देवास,रवीना घोष कोलकाता,अंजली निगम मुंबई,अकरम खान पटेल बैतूल,इरशाद खान बैतूल, मोहम्मद आसिफ मेमन बैतूल,अर्पिता दास कोलकाता,परवेज़ अख्तर मुंबई आदि ने अपने विचार व्यक्त किए।

विचार गोष्ठी का सफल संचालन करते हुए प्रेस क्लब ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स की राष्ट्रीय संगठन महासचिव श्रीमती शशि दीप मुंबई ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि पत्रकारिता का स्वतंत्र होना नितांत आवश्यक है।

अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉक्टर सैय्यद खालिद कैस एडवोकेट ने कहा कि वर्तमान संदर्भ में जिस प्रकार पत्रकारिता पर आघात हो रहे हैं वह चिंतनीय हैं । उन्होंने कहा कि वर्तमान पत्रकारिता व्यवसायीकरण के कारण दोषित हो गईं है। अपराधी और सफेद पोश लोग अब पत्रकारिता को व्यवसाय के भांति उपयोग कर रहे हैं जिसके कारण निष्पक्ष पत्रकारिता का अस्तित्व घायल हो रहा है।निष्पक्ष पत्रकारिता की रक्षा नितांत आवश्यक है।

इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार श्री शरद मिश्र ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि देश विदेश में पत्रकारिता वेंटिलेटर पर है।अपनी अपनी बातों , पत्रकारों की समस्याओं को शासन प्रशासन के समक्ष रखना ही नहीं चाहिए, वरन समय समय पर उनकी समीक्षा भी करनी चाहिए। बाबू लाल नागा ने कहा कि वर्तमान संदर्भ में अभिव्यक्ति की आजादी का गला घोंटा जा रहा है।सुनील योगी ने कहा कि निष्पक्षता के लिए हमें अभी पक्षों को देखना होगा।पहले युद्ध हथियारों से लड़े जाते थे लेकिन वर्तमान संदर्भ में सोशल मीडिया से लड़े जा रहे हैं । रियाज़ खान ने कहा कि वर्तमान समय में पत्रकार शक्ति का पक्षधर हो गया है।अब पत्रकार निष्पक्ष नहीं होता सच को दबाने का प्रयास किया जाता है। वही रेखा सोलंकी ने कहा कि चाटुकारी पत्रकारिता के कारण पत्रकारिता का मूल उद्देश्य निष्फल हो रहा है। पत्रकारों ने अपना वजूद खो दिया है।मुट्ठी भर बिकाऊ पत्रकारों के कारण पूरी बिरादरी को अपमानित होना पड़ता है।

शाश्वती दास ने कहा कि पत्रकारों को संगठित होकर समस्याओं का निराकरण करना होगा।यदि हम बदलाव चाहते हैं तो हमें वर्तमान स्थिति को बदलना होगा। मीर मोहम्मद अली ने कहा कि पत्रकारिता का दायित्व सच उजागर करना है लेकिन स्वतंत्र पत्रकारिता को कुचला जा रहा है।डॉक्टर प्रीति प्रसाद ने कहा कि हमें खुलकर लिखना होगा ,भय और आतंक के बीच आशा की किरण अवश्य विद्यमान होगी। अंजलि निगम ने कहा कि संगठित होकर काम करने पर ही सफलता मिलेगी। मोहम्मद शिराज ने कहा कि वर्तमान समय में निष्पक्ष पत्रकारिता के स्थान पर चाटुकारी पत्रकारिता को शासन प्रशासन पसंद करता है।भारती माखीजानी ने कहा कि पक्षपात नहीं होना चाहिए। पत्रकारों को अपने अधिकारों सहित कानूनी जानकारी होनी चाहिए।

विचार गोष्ठी के अंत में श्रीमती शशि दीप मुंबई ने उपस्थित गण के प्रति आभार प्रदर्शन किया तथा सभी उपस्थित पत्रकारों को अभिनंदन सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया।

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