स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही पर कांग्रेस ने सरकार को घेरा
रीवा में ब्लैकलिस्ट कंपनी का इंजेक्शन लगाया, 5 महिलाओं की याददाश्त गईं; स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से मरीजों की जान खतरे में : मुकेश नायक
भोपाल, 09 अप्रैल 2025।री
वा के संजय गांधी मेडिकल कॉलेज में हुई एक गंभीर लापरवाही ने मध्य प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल स्थिति को एक बार फिर उजागर कर दिया है। 5 मरीजों को पीएसए एनेस्थेसिया इंजेक्शन लगाने के बाद उनकी हालत बिगड़ गई, और यह इंजेक्शन गुजरात की एक ब्लैकलिस्टेड कंपनी रेडियंट पार्टरल्स लिमिटेड द्वारा सप्लाई किया गया था।
मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक ने इस मामले पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "यह अत्यंत शर्मनाक और निंदनीय है कि एक ब्लैकलिस्टेड कंपनी को ठेका दे दिया गया, जिसके इंजेक्शन से मरीजों की जान खतरे में पड़ गई। यह घटना रीवा जिले में हुई, जहां के विधायक और उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला खुद हैं, और स्वास्थ्य विभाग भी उनके ही अधीन है। स्वास्थ्य विभाग के अपने क्षेत्र में ऐसी लापरवाही होना उनकी नाकामी को साफ दर्शाता है। अभी दमोह में फर्जी डॉक्टर के ऑपरेशन से 8 लोगों की मौत का मामला शांत भी नहीं हुआ था कि रीवा की इस घटना ने सरकार की लापरवाही की पोल खोल दी।"
उन्होंने आगे कहा, "यह साफ है कि सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले में कोई सख्ती नहीं बरती। न तो आपूर्ति की निगरानी की गई और न ही ठेके देने से पहले कंपनी की पृष्ठभूमि की जांच की गई। यह मरीजों की जान से खुला खिलवाड़ है। उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला को नैतिकता के आधार पर तत्काल इस्तीफा देना चाहिए। यदि वे कुर्सी का मोह नहीं छोड़ पा रहे हैं, तो मुख्यमंत्री को उन्हें तत्काल मंत्रिमंडल से बर्खास्त करना चाहिए।"
मुकेश नायक ने सरकार से इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की और कहा, "मध्य प्रदेश की जनता अब अपनी जानमाल की चिंता को लेकर बेहद चिंतित है। सरकार बड़े-बड़े दावे तो करती है, लेकिन हकीकत में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं। दमोह और रीवा की घटनाएं इस बात का सबूत हैं कि सरकार जनता को सही उपचार देने में पूरी तरह विफल हो चुकी है। हम मांग करते हैं कि इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री का इस्तीफा हो, दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो और भविष्य में ऐसी लापरवाही को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।"
