मां की स्मृति में सवा लाख रुपए भेट किए स्कूल निर्माण मै* "मां का कोई विकल्प नहीं" राकेश मोनू पाटीदार

 *मां की स्मृति में सवा लाख रुपए भेट किए स्कूल निर्माण मै*

"मां का कोई विकल्प नहीं" राकेश मोनू पाटीदार



मनावर (सैयद रिजवान अली)

 विद्या दान श्रेष्ठ दान को लक्षित करते हुए युवा समाज सेवी श्री राकेश जी पाटीदार एवं मोनू जी पाटीदार (नगर भाजपा मण्डल अध्यक्ष) द्वय भाइयों के द्वारा उनकी माताजी की चतुर्त पुण्य स्मृती में उनके आत्मकल्याणार्थ सरस्वती शिशु मन्दिर स्कूल मनावर को नवनिर्माणाधीन भवन हेतु 1 लाख 25 हजार रू. की सहयोग राशी भेंट की.... 

दोनों भाई ने मां के बारे में बताया जिसका कोई विकल्प नहीं वो मां होती है आज मां की दुआओं और आशीर्वाद से इस लायक हुवे है। उन्होंने कहा

ऊपर जिसका अंत नहीं, उसे आसमां कहते हैं, जहां में जिसका अंत नहीं, उसे 'माँ' कहते हैं। मेरे हंसने से हंसती है खुशहाली के सपने जो हर एक सांस में संजोती है, उठाती है हजारों गम, है फिर भी छांव जैसी नम, जो मेरे दर्द को न और उसकी ममता ही होती है।

जिसे कोई उपमा न दी जा सके-उसका नाम है 'माँ', जिसकी कोई सीमा नहीं उसका नाम है "माँ", जिसके प्रेम को व सके-उसका नाम है 'माँ', ऐसी तीन माताएं हैं... परमात्मा... महात्मा... और 'माँ'... और उसमें भी सबसे बड़ी 'माँ' की प्रभु को पाने की पहली सीढ़ी मां है, जो तलहटी की अवगणना करे वह शिखर को प्राप्त करे यह शक नहीं, ऐसी 'व

हजारों मालाएं गिनकर हम प्रभु को प्राप्त करें यह बात बहुत दूर है।

• "माँ"। पहले आंसू आते थे और तू याद आती थी, आज तू याद आती है और आंसू आते हैं।

"माँ"। कैसी हो... इतना ही पूछ, उसे मिल गया सबकुछ।

"माँ"! तूने तीर्थंकरों को जना है, संसार तेरे दम से बना है, तू मेरी पूजा है, मन्नत है मेरी, तेरे कदमों में जन्नत है

 बचपन के आठ साल उंगली पकड़ाकर 'माँ'-बाप स्कूल ले जाते थे, उन 'माँ'-बाप को बुढ़ापे में सहारा बनकर थोड़ा सा कर्ज, थोड़ा सा फर्ज पूरा होगा।

माँ' पूर्ण शब्द है, ग्रंथ है, महाविद्यालय है, मंत्र बीज है, हर सृजनता का आधार है-'माँ'। 

प्रेम को साकार होने का मन हुआ और 'माँ' का सृजन हुआ। प्रभु की कृति का दर्शन हुआ।

'माँ' घर-घर की शोभा, घर-घर का गहना, परिवार में बहता रहे स्नेह का झरना।

संसार की दो बड़ी करुणताः 'माँ' बिना घर और घर बिना 'माँ'।

माता को जो प्यार करे, वो लोग निराले होते हैं, जिन्हें 'माँ' का आशीर्वाद मिले वो किस्मत वाले होते है।

आज हम अपने आप पर गर्व महसूस कर रहे हैं की शिक्षा के इस मंदिर में हम दान दे रहे हैं। सरस्वती शिशु मंदिर परिवार द्वारा श्री राकेश पाटीदार ,श्री मोनू पाटीदार के द्वारा मां की स्मृति चतुर्थ पुण्यतिथि पर दिये एक लाख पच्चीसी हजार रुपए की भेट सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल निर्माण के लिए दिए सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल परिवार ने आभार माना।

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