किसानों के लिए NTPC का ऐतिहासिक नववर्ष उपहार – सोलापुर प्लांट में अब बांस बायोमास से बनेगी ऊर्जा
पर्यावरण संरक्षण और सतत ऊर्जा उत्पादन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, NTPC सोलापुर ने अब बांस बायोमास का उपयोग करके बिजली उत्पादन का निर्णय लिया है। इस पहल के तहत NTPC किसानों से बांस बायोमास खरीदेगा और इसे कोयले के साथ मिलाकर ऊर्जा उत्पादन करेगा, जिससे कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी और पर्यावरण के अनुकूल समाधान को बढ़ावा मिलेगा।
NTPC के अध्यक्ष गुरदीप सिंह ने यह घोषणा एक बैठक के दौरान की, जिसमें मुख्यमंत्री के सतत विकास टास्क फोर्स के कार्यकारी अध्यक्ष पाशा पटेल और महाराष्ट्र इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मेशन (MITRA) के सीईओ प्रवीणसिंह परदेशी सहित अन्य प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे।
50 साल का खरीद समझौता
गुरदीप सिंह ने बताया, "NTPC किसानों के फार्मर प्रोड्यूसर कंपनियों (FPCs) के माध्यम से अगले 50 वर्षों तक बांस बायोमास की खरीद के लिए दीर्घकालिक करार करेगा।" उन्होंने आगे कहा कि NTPC सोलापुर वर्तमान में सालाना 40 मिलियन टन कोयले का उपयोग करता है, जिसमें शुरुआत में 10% कोयले को बांस बायोमास से बदला जाएगा। इसके लिए लगभग 4 मिलियन टन बायोमास की आवश्यकता होगी।
किसानों को होगा सीधा लाभ
यह कदम बांस किसानों के लिए एक गेम-चेंजर साबित होगा। गुरदीप सिंह ने बताया, "जैसे-जैसे बांस की उपलब्धता बढ़ेगी, वैसे-वैसे ऊर्जा उत्पादन में बायोमास का अनुपात बढ़ाकर 20-30% या उससे अधिक किया जाएगा। NTPC किसानों से बायोमास खरीदने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे उन्हें स्थिर बाजार मिलेगा।"
राज्य सरकार का समर्थन
महाराष्ट्र सरकार ने इस पहल को अपना पूरा समर्थन दिया है। MITRA के सीईओ प्रवीणसिंह परदेशी ने कहा कि बांस की खेती को बढ़ावा देने के लिए सभी जरूरी मदद उपलब्ध कराई जाएगी। सोलापुर, लातूर और धाराशिव जिलों में फार्मर प्रोड्यूसर कंपनियों को आगे आकर इस योजना का नेतृत्व करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
किसानों के लिए अवसर
पाशा पटेल ने बताया कि मनरेगा योजना के तहत किसानों को बांस की खेती के लिए ₹7.04 लाख प्रति हेक्टेयर का अनुदान दिया जा रहा है। साथ ही, एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) से आने वाले दिनों में 10 हेक्टेयर तक की खेती के लिए नई सब्सिडी योजना भी शुरू की जाएगी।
पर्यावरण और आर्थिक लाभ
बांस बायोमास न केवल एक सतत ऊर्जा विकल्प प्रदान करता है, बल्कि इसके सह-उत्पाद जैसे भवन सामग्री, दैनिक उपयोग की वस्तुएं और ऊर्जा स्रोत भी किसानों के लिए अतिरिक्त आय का अवसर प्रदान करते हैं। बाजार में स्थिरता की गारंटी मिलने के बाद किसान अब बांस की खेती को लेकर अधिक आशान्वित हैं।
भविष्य की योजना
सोलापुर, लातूर और धाराशिव जिलों में पर्याप्त बांस की खेती के साथ, NTPC अपने सोलापुर संयंत्र को पूरी तरह से बांस बायोमास आधारित बिजली उत्पादन इकाई में बदलने की योजना बना रहा है। यह पहल नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने और किसानों की मदद करने में मील का पत्थर साबित होगी।
बैठक में किसान प्रतिनिधियों ने NTPC द्वारा 50 साल तक बांस खरीदने के आश्वासन पर प्रसन्नता व्यक्त की और इसे एक स्थायी बाजार उपलब्ध कराने वाला कदम बताया।
यह सहयोग NTPC, MITRA और महाराष्ट्र के किसानों के बीच सतत विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है, जो पर्यावरण और ग्रामीण आजीविका दोनों के लिए लाभदायक साबित होगा।